मित्रों मैं हूँ सत्पथ! आपका अपना चित परिचित सत्पथ वही सत्पथ जो आपको पिछले कई वर्षों से बताता आ रहा है कि गलत रास्ते पर कितने ही आगे क्यों न निकल गए हों वहाँ से लौट आना चलते रहने से बेहतर है। आप सभी ने मेरी इस बात को न केवल सुना बल्कि माना और अपनाया भी।