जिस पंथ चले भगवन्त वही आचरिये!

सत्पथ

मित्रों मैं हूँ सत्पथ! आपका अपना चित परिचित सत्पथ वही सत्पथ जो आपको पिछले कई वर्षों से बताता आ रहा है कि गलत रास्ते पर कितने ही आगे क्यों न निकल गए हों वहाँ से लौट आना चलते रहने से बेहतर है। आप सभी ने मेरी इस बात को न केवल सुना बल्कि माना और अपनाया भी।

Donate Now

आइये! सत्पथ के इस सत्प्रयास में अपनी सामर्थ्यानुसार सहयोग करके नयी पीढ़ी को जिनशासन की छत्रछाया प्रदान कर पुण्य लाभ अवश्य लें ।

SATPATH FOUNDATION
AC NO : 919020072049281
IFSC : UTIB0003359
BANK : AXIS BANK
BRANCH : JARI PATKA NAGPUR

तीर्थंकर महावीर के 2550 वें निर्माण महोत्सव के अवसर पर

व्यसनमुक्त सदाचार युक्त जीवन शैली अभियान के अंतर्गत….

विश्वस्तरीय सत्पथ प्रश्नमंच सीजन – 2

विश्वस्तरीय सत्पथ प्रश्नमंच सीजन -1

विश्वस्तरीय सत्पथ प्रश्नमंच सीजन - 2


ग्रंथ आधार – श्री रत्नकरण्ड श्रावकाचार 

ग्रंथकार – श्रीमद् समंतभद्र आचार्य देव 

टीकाकार – पण्डित सदासुख दासजी


मूल ग्रन्थों के स्वाध्याय का अनुपम

1008 प्रश्न 1008 पुरस्कार

( ओपन बुक एग्ज़ाम टाईप )

विश्वस्तरीय सत्पथ प्रश्नमंच पंजीयन

विश्वस्तरीय सत्पथ प्रश्नमंच की परीक्षा देने के लिए क्लिक करें.

 ” सत्पथ मुझको मिला तो भव की भूल भुलैया भूल गया । 

त्वरित पिया समता रस मैंने विषयों का विष उतर गया ।।

परम शान्ति का लक्ष्य हुआ अब राग-द्वेष से क्या नाता । 

थर-थर काँपे कर्मराज जब-जब स्वभाव में मैं आता ।।”